हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
لَا يُكَلِّفُ اللَّـهُ نَفْسًا إِلَّا وُسْعَهَا ۚ لَهَا مَا كَسَبَتْ وَعَلَيْهَا مَا اكْتَسَبَتْ ۗ رَبَّنَا لَا تُؤَاخِذْنَا إِن نَّسِينَا أَوْ أَخْطَأْنَا ۚ رَبَّنَا وَلَا تَحْمِلْ عَلَيْنَا إِصْرًا كَمَا حَمَلْتَهُ عَلَى الَّذِينَ مِن قَبْلِنَا ۚ رَبَّنَا وَلَا تُحَمِّلْنَا مَا لَا طَاقَةَ لَنَا بِهِ ۖ وَاعْفُ عَنَّا وَاغْفِرْ لَنَا وَارْحَمْنَا ۚ أَنتَ مَوْلَانَا فَانصُرْنَا عَلَى الْقَوْمِ الْكَافِرِينَ ला योकल्लेफुल्लाहो नफ्सन इल्ला वुस्अहा लहा मा कसाबत वा अलैहा मकतसाबत रब्बना ला तुआख़िज़्ना इन नसीना औ अख़ताना रब्बना वला तहमिल अलैना इस्रन कमा हमलतहो अलल लज़ीना मिन कब्लेना रब्बना वला तोहम्मिलना मा ला ताकता लना बेहि अअफ़ो अन्ना वग़्फ़िर लना वरहमना अंता मौलाना फन्सुना अलल क़ौमिल काफेरीना (बकरा, 286)
अनुवाद: ईश्वर किसी को उसकी क्षमता से अधिक कर्तव्य नहीं देता वह जो पुण्य करेगा। इससे उसे लाभ होगा और वह जो कुछ (बुरा) करेगा उससे उसे हानि भी उसी को होगी।हे परमेश्मर! अगर हम भूल जाएं या चूक जाएं तो हमें पकड़ना मत। हे परमात्मा! हम पर वैसा बोझ मत डाल जैसा हमसे पहले लोगों पर डाला गया था। भगवान! हम पर ऐसा बोझ मत डालो जिसे उठाने की ताकत हमारे पास न हो। और हमें (हमारे पापों को) क्षमा कर दे। क्योंकि हमारा प्रभु और संरक्षक सर्वोच्च है। काफ़िरों के विरुद्ध हमारी सहायता करो।।
क़ुरआन की तफसीर:
1️⃣ अल्लाह ताला हर इंसान पर उसकी सामान्य क्षमता से अधिक बोझ नहीं डालता।
2️⃣ आदतन क्षमता शरिया जिम्मेदारी की एक शर्त है।
3️⃣ अल्लाह ताला द्वारा लगाए गए कर्तव्य और कठिनाइयां हर इंसान की क्षमता के अनुसार हैं।
4️⃣ व्यक्ति के अच्छे और बुरे कर्मों का फल उसे वापस मिलता है।
5️⃣ विश्वासियों को पिछले राष्ट्रों के इतिहास पर ध्यान देना चाहिए और उससे सीखना चाहिए।
6️⃣ क्षमा अल्लाह की विशेष दया के अग्रदूत हैं।
7️⃣ समाज के मुखियाओं को व्यक्तियों पर अपनी शक्ति से अधिक कर्तव्य नहीं थोपने चाहिए।
8️⃣ गलतियों और भूलने की सज़ा को इस्लामी उम्मा से हटा दिया गया।
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तफसीर राहनुमा, सूर ए बकरा
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