۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
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हौज़ा/कर्बला के प्यासे शहीदों की याद में शनिवार को शब्बेदारी में पूरी रात बहत्तर शहीदों की शहादत पर मातमी अंजुमनों ने नौहे पढ़ते हुए मातम किया इस दौरान इमाम हुसैन अलिहिस्लाम के चाहने वालो ने आंसुओं के ज़रिए नज़राने अकीदत पेश किए

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जौनपुर ,नगर से सटे प्यारेपुर गांव में अंजुमन पैगामे हुसैनी की जानिब से विगत वर्षो की भाती इस वर्ष भी कर्बला के प्यासे शहीदों की याद में शनिवार को शब्बेदारी में पूरी रात बहत्तर शहीदों की शहादत पर मातमी अंजुमनों ने नौहे पढ़ते हुए मातम किया । इस दौरान इमाम हुसैन अलिहिस्लाम के चाहने वालो ने आंसुओं के जरिए नज़राने अकीदत पेश किए

मोमनिन ने सारी रात शब्बेदारी में गुजरी चारो तरफ हाय हुसैन हाय हुसैन की सदा की गूंज रही थी शब्बेदारी की मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना जाफर खान सुल्तानपुरी ने कहा कि इमाम को अल्लाह ने बनाया वो अल्लाह के हुक्म से हेदायत करते हैं अपनी मर्जी से हेदायत नहीं करते हैं । आदम को अल्लाह ने बनाया था बंदों ने नहीं मौलाना ने कहा कि अल्लाह के बनाए हुए की पहचान यह है फरिश्ते उसके आगे झुक जाए ।

अलविदायी मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना अंबर खान ने कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन व उनके साथियों की शहादत का बयान किया उन्होंने कहा कि कर्बला में तीन दिन की भूख और प्यास की शिद्दत में नवासा ए रसूल को यज़ीदी लश्कर ने कत्ल कर दिया ।

मौलाना ने हज़रत इमाम हुसैन के छः माह के बेटे हजरत अली असगर की शहादत का ज़िक्र किया जिसपर मौजूद लोगो की आंखों से आंसुओ का सैलाब उमड़ पड़ा
इस दौरान अंजुमन पैगामे हुसैनी तिघरा , अंजुमन सज्जादिया मुफ्ती मोहल्ला , अंजुमन हैदरिया कुरापट्टी अंजुमन गुलशने इस्लाम बाजार भूआ, अंजुमन अज़ाए हुसैन बबरखा , अंजुमन असगरिया पुरानी बाजार ने नौहा वा मातम किया

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