हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام السجاد علیه السلام
إيَّاكَ وَ اَلاِبْتِهَاجَ بِالذَّنْبِ فَإِنَّ اَلاِبْتِهَاجَ بِهِ أَعْظَمُ مِنْ رُكُوبِهِ
हज़रत इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जो भी गुनाह किया है उस पर खुशी का इज़हार मत करना क्योंकि गुनाह करने पर खुश होना उस गुनाह के (इरतेकाब) से भी बड़ा गुनाह हैं।
बिहारूल अनवार भाग75 पेंज 159
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