हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मुस्तद्रक अलवसाएल"पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلی اللہ علیه وآله
إنَّ اللّه تعالی لَیَسْألُ العَبدَ فی جاهِهِ کَما یَسألُ فی مالِهِ، فیقولُ: یا عَبدی، رَزَقتُکَ جاها فهلْ أعَنْتَ بهِ مَظلوما، أوْ أغَثْتَ بهِ مَلْهوفا؟
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
जिस तरह अल्लाह तआला बंदे के माल व दौलात
के बारे में सवाल करेगा, इसी तरह उसके मुकाम और पोस्ट के बारे में भी पूछेगा और फरमाएगा,मेरे बंदे मैंने तुझे मुकाम व मंजिलात आता की, क्या तूने उसके माध्यम से कमज़ोर लोगों और मज़लूम आदमी की मदद की, या ग़म के मारे की फरयाद सुनी,
मुस्तद्रक अलवसाएल,भाग 12,पेज 429