हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मुस्तद्रक अलवसाएल"पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
ما من یوم نیروز الا ونحن نتوقع فیه الفرج لانه من أیامنا وأيام شيعتنا
हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
कोई ऐसा नौरोज़ नहीं है मगर यह कि उसमें हम कायम ए आले मुहम्मद के ज़ुहूर के मुंतज़िर होते हैं क्योंकि नौरोज़ हमारे और हमारे शियों के दिनों में से हैं।
मुस्तद्रक अलवसाएल,भाग 6,पेंज 352