हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर ने फरमाया,रिश्तेदारों से अच्छा अख़लाक़ सामाजिक संबंध के साधन और सामाजिक लगाव के चैनल में से है।
अगर रिश्तेदारों में आपस में संबंध बने रहें तो स्वाभाविक तौर पर जो लोग नेक, अच्छे व्यवहार वाले और अच्छी बात करने वाले हैं, अच्छी चीज़ें और ख़ूबियां एक दूसरे में पैदा कर सकते हैं, पड़ोसियों में, साथ मिलने जुलने वालों में यानी जो हमारे सफ़र में, हमारे दफ़्तर में या जिन जगहों पर हम रोज़ आते जाते हैं,
हमारे साथ होते हैं, आते जाते हैं, उनके साथ मोहब्बत से पेश आएं, मेहरबानी से पेश आएं, यह बहुत अहम है। फ़र्ज़ कीजिए वह शख़्स जो आपके साथ है या आपका दोस्त है, उसके साथ मोहब्बत से पेश आना और मोहब्बत का इज़हार करना चाहिए (अच्छी आदतों में से) एक चीज़ मेहमान नवाज़ी भी है।
मेहमान बुलाना, उसकी अच्छी तरह ख़ातिर करना भी है, ये वे ख़ूबियां हैं जो इस्लाम में है, क्योंकि इस्लाम में मेहमान की इज़्ज़त करने के लिए कहा गया है।
इमाम ख़ामेनेई