हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलकाफी"पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلى اللّه عليه و آله و سلم
نِيَّةُ اَلْمُؤْمِنِ خَيْرٌ مِنْ عَمَلِهِ وَ نِيَّةُ اَلْكَافِرِ شَرٌّ مِنْ عَمَلِهِ وَ كُلُّ عَامِلٍ يَعْمَلُ عَلَى نِيَّتِهِ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
मोमिन की नीयत उसके अमल से बेहतर हैं और काफीर की नियत उसके अमल से बदतर है और हर आदमी अपनी नियत के मुताबिक काम करता हैं।
अलकाफी,भाग 2,पेंज 84
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