۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
शरई

हौज़ा / अगर निगाहें शहवत अंग्रेज़ हो या हराम में पड़ जाने का अंदेशा(डर)हो तो जायज़ नहीं है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल: जो मुसलमान औरत अपने हिजाब की पूरी पाबंदी नहीं करती उसकी तरफ देखने और बात करने का क्या हुक्म हैं?

उत्तर : अगर निगाहें शहवत अंग्रेज़ हो या हराम में पड़ जाने का अंदेशा(डर)हो तो जायज़ नहीं है।

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