۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा/हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में लिबास में फिजूल खर्ची के बारे में बयान फरमाया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

:قال الامام الصادق علیه السلام

عن إسحاق بنِ عَمّارٍ : قلتُ لأبي عبدِ اللّه ِ عليه السلام : يكونُ للمؤمِنِ عَشرَةُ أقْمِصَةٍ؟ قالَ: نَعَم، قلتُ: وَ عِشرينَ؟ قالَ: نَعَم و ليسَ ذلكَ مِنَ السَّرَفِ، إنّما السَّرَفُ أن تَجعَلَ ثَوبَ صَونِكَ ثَوبَ بِذْلَتِكَ

हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:

इस्हाक़ बिन अम्मार से रिवायत है कि मैंने इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम से पूछा कि मौला क्या कोई मोमिन 10 कमीज़ें रख सकता है?

हज़रत ने फरमाया इसमें कोई हर्ज नहीं हैं,

मैंने फिर कहां, अगर इसके पास 20 कमीज़ें हो तो फिर?
हज़रत ने फरमाया: यह इसराफ और फोज़ूल खर्ची नही हैं, इसराफ यह है कि तुम अपने बाहर के लिबास को कामकाज का लिबास और standby यूनिफॉर्म करार दो।

बिहारूल अनवार,1/317/79

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