۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
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हौजा़ / अम्मारा इब्ने सलामत अलदलानी आप कबीला ए बनी दालान के इज्ज़तदार शख्स थे आप का पूरा नाम अममार इब्ने सलाम इब्ने अब्दुल्लाह इब्ने इमरान इब्ने रास इब्ने दालान अबुसलामा हमदानी था आपको हुजुर रसूले करीम के सहाबी होने का शरफ हासिल था अल्लामा समावी का बयान है की आप अमीररुल मोमिनीन के असहाब में थे।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अम्मारा इब्ने सलामत अलदलानी आप कबीला ए बनी दालान के इज्ज़तदार शख्स थे आप का पूरा नाम अममार इब्ने सलाम इब्ने अब्दुल्लाह इब्ने इमरान इब्ने रास इब्ने दालान अबुसलामा हमदानी था आपको हुजुर रसूले करीम के सहाबी होने का शरफ हासिल था अल्लामा समावी का बयान है की आप अमीररुल मोमिनीन के असहाब में थे।

जंगे जमल व सिफ्फिन और नहरवान में हजरत के साथ रहे बसरा की तरफ जंग के इरादे से रवाना होते वक्त मंजिल ज़ि-वकार पर उन्हें अबू सलामा दालानी ने हज़रत अली से पूछा था की बसरा पहुंच कर आप का क्या तर्जे अमल होगा

आप ने फरमाया था की मै तबलीग करूँगा और लोगो को खुदा की तरफ दावत दूंगा अगर न माने तो फिर लडूंगा इस के जवाब में दलानी ने कहा था हुजुर जरुर ग़ालिब आयेंगे क्योकि खुदा की तरफ बुलाने वाला कभी मग़लूब नहीं होता।

अल-गरज यह अबू-सलाम अम्मार दलानी बड़ी खूबियों के मालिक थे। आले मोहम्मद का साथ देना अपना फ़रीज़ा जानते थे। आप इमाम हुसैन अले० की खिदमत में ब-मकाम कर्बला हाजिर हुए और सुबहे आशूर शहीद हो गए।

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