हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "वसाइल उश-शिया" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلی الله علیه وآله
مَنْ اَصْبَحَ لا يَهْتَمُّ بِاُمُورِ الْمُسلمِينَ فَلَيْسَ مِنْهُمْ، وَ مَنْ سَمِعَ رَجُلاً يُنادى يا لَلْمُسلمِينَ فَلَمْ يُجِبْهُ فَلَيْسَ بِمُسْلِمٍ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल. ने फरमाया:
जो आदमी इस हाल में सुबह करें; कि मुसलमानों के कामों को अहमियत ना दे(यानी मुसलमानों की फिक्र में ना हो) और या वह मुसलमानो को मदद के लिए पुकारने वाली आवाज़ सुने लेकिन उसको जवाब ना दे तो ऐसा आदमी मुसलमान नहीं हैं।
वसाएल अलशिया,भाग 11,पेज 559