हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, यह हदीस "शरह नहज अल-बालागा" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال أمیر المؤمنین امام على عليه السلام:
احذَرِ استِصغارَ الخَصمِ؛ فَإنَّه يَمنَعُ مِنَ التَّحَفُّظِ، وَ رُبَّ صَغيرٍ غَلَبَ كَبيراً
अमीरुल मोमिनीन इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फ़रमायाः
शत्रु को हक़ीर समझने से बचना चाहिए, क्योंकि यह काम ग़फ़लत मे डाल देता है। ऐसी स्थिति मे कितने ही छोटे और पस्त दुश्मन है जो बड़े और ताक़तवर दुश्मन पर ग़ालिब आ जाते हैं!
शरह नहज अल-बालागह, भाग 20, पेज 231
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