۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा / हज़रत इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में कर्मों का लेखा-जोखा रखने की हिदायत दी है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "नहज अल-बलागा" पुस्तक से ली गई है।  इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام العلی علیه السلام:

عِبادَ اللّه ِ! زِنُوا أَنْفُسَکُمْ مِنْ قَبْلِ أَنْ تُوزَنُوا،وَ حـاسِبُوها مِـنْ قَبْـلِ أَنْ تُحـاسَبُوا، وَ تَنـَفَّسُوا قَبْـلَ ضِیـقِ الْخِنـاقِ وَانْقادُوا قـَبْلَ عُنـْفِ السِّیاقِ

हज़रत इमाम अली (अ) ने फ़रमाया:

अल्लाह के बंदों!  तौले जाने से पहले अपनी आत्मा को तौलें और जवाबदेह ठहराए जाने से पहले खुद को जवाबदेह बनाएं।  गला कसने से पहले सांस लें और जोर से धक्का दिए जाने से पहले विनम्र हो जाएं।

नहज अल-बलाग़ा, खुत्बा  89

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