बुधवार 19 मार्च 2025 - 14:44
मस्जिदे जमकरान;इमाम ए अस्र (अ) के प्रतीक्षकों का क़िबला और केंद्र हैः आयतुल्लाह सुब्हानी

हौज़ा / मस्जिद ए मुकद्दस जमकरान की 1073वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयतुल्लाह जाफर सुब्हानी ने अपने संदेश में इस मस्जिद को इमाम-ए-अस्र (अ) के प्रतीक्षकों का क़िबला और केंद्र क़रार दिया और कहा कि यह स्थान मोमिनों के इमाम-ए-ज़माना अ.स. से गहरे संबंध का प्रतीक है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,मस्जिद ए मुकद्दस जमकरान की 1073वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयतुल्लाह जाफर सुब्हानी ने अपने संदेश में इसे इमाम-ए-आस्र (अ.स.) के प्रतीक्षकों का क़िबला और केंद्र क़रार दिया। उन्होंने कहा कि यह स्थान उन गहरे संबंधों का प्रतीक है जो मोमिनों का इमाम-ए-ज़माना (अ.स.) से जुड़े होने को दर्शाता है।

आयतुल्लाह सुब्हानी ने माह-ए-रमज़ान को बरकत, रहमत और मग़फ़िरत का महीना बताते हुए कहा कि ऐतिहासिक रिवायतों के अनुसार, मस्जिद जमकरान 17 रमज़ान 373 हिजरी क़मरी को हज़रत वली-ए-अस्र स.ल. के हुक्म से तामीर की गई थी।

उन्होंने कहा कि यह मस्जिद उन सभी चाहने वालों के लिए एक पवित्र स्थान है जो इमाम-ए-आस्र (अ.स.) के प्रकट होने की दुआ करते हैं और अपनी तमन्नाओं व दुआओं के साथ यहाँ हाज़िर होते हैं।

शब-ए-क़द्र की फ़ज़ीलत को बयान करते हुए, उन्होंने इस मुबारक रात में दुआ मुनाजात और इमाम-ए-ज़माना (अ.) के जल्द ज़ुहूर के लिए विशेष रूप से दुआ करने पर ज़ोर दिया।उन्होंने कहा कि यह रात मुसलमानों की इज़्ज़त व बुलंदी, इस्लाम के दुश्मनों की नाशादी और उनके शर से हिफ़ाज़त की दुआ करने का सबसे अच्छा अवसर है।

यह भी उल्लेखनीय है कि अन्य मराजे किराम ने भी अपने संदेशों में मस्जिद जमकरान को इमाम-ए-ज़माना (अ.स.) की ओर रूहानी तवज्जोह का महत्वपूर्ण माध्यम बताया और इस मस्जिद की सुरक्षा, विकास और इसकी अंतर्राष्ट्रीय पहचान को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।

मराजे किराम के अनुसार, यह मस्जिद केवल एक इबादती स्थान नहीं, बल्कि इसे एक ज्ञान, आध्यात्मिकता और अंतर्राष्ट्रीय केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है, जहाँ से इमाम-ए-ज़माना (अ.स.) की शिक्षाओं को पूरी दुनिया तक पहुँचाया जा सके।

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha