हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "बिहार उल-अनवार" पुस्तक से ली गई है। रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم:
إنّ مَثَلَ العُلَماءِ كمَثَلِ النُّجومِ في السّماءِ يُهتَدى بِها في ظُلُماتِ البَرِّ و البَحرِ، فإذا انطَمَسَتِ النُّجومُ أوشَكَ أن تَضِلَّ الهُداةُ
अल्लाह के रूसल (स) ने फ़रमायाः
विद्वान आकाश के तारों के समान हैं? जिनके माध्यम से रेगिस्तान और समुद्र मे रास्ते का मार्गदर्शन होता है। जब तारे लुप्त हो जाते हैं, तो रास्ता जानने वाले भी मार्ग से भटकने लगते हैं।
बिहार उल-अनवार: 2/25/85