हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस रिवायत को "बिहार उल-अनवार" नामक पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पूरा पाठ इस प्रकार है:
قال رسول الله صلی الله علیه وآله:
مَنْ نَظَرَ إِلَى كِتَابَةٍ مِنْ فَضَائِلِهِ غَفَرَ اللَّهُ لَهُ الذُّنُوبَ الَّتِي اكْتَسَبَهَا بِالنَّظَرِ
पैग़म्बर (स) ने फ़रमाया:
जो कोई भी अपनी आँखों से हज़रत अली (अ) के फ़ज़ाइल में से किसी एक फ़ज़ीलत को देखेगा तो परवरदिगार ए आलम उसकी आँखों से किए गए उसके पापों को क्षमा कर देंगा।
बिहार उल-अनवार, भाग 38, पेज 197
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