मंगलवार 19 नवंबर 2024 - 05:02
अनाथों की सरपस्ती; स्वर्ग की कुंजी या नरक का रास्ता?

हौज़ा/अल्लाह के रसूल (स) ने एक हदीस में अनाथों की सरपस्ती के सवाब की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित परंपरा "बिहार उल-अनवार" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है।

قال رسول الله صلی‌ الله علیه و آله و سلم:

مَن عالَ يَتيما حَتّى يَسْتَغْنىَ عَنْهُ أَوْجَبَ اللّه‌ُ عَزَّوَجَلَّ لَهُ بِذلِكَ الْجَنَّةَ كَما أَوْجَبَ اللّه‌ُ لآِكِلِ مالِ الْيَتيمِ النّارَ

अल्लाह के रसूल (अ) ने फ़रमया:

जो शख़्स किसी यतीम को पालता और उसकी हिफ़ाज़त करता है जब तक कि वह आत्मनिर्भर और ज़रूरतमंद न हो जाए, अल्लाह तआला उस पर इस नेक काम के बदले में जन्नत वाजिब कर देता है, जिस तरह यतीम का माल खाने वाले पर जहन्नुम वाजिब है।

बिहार उल-अनवार 75/4/8

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