۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
مولانا سید محمد ذکی حسن

हौज़ा / जाफ़री ऑब्जर्वर मुंबई के संपादक ने कहा कि दुश्मनों ने अपने पूर्वजो के इस्लाम स्वीकार न करने की तारीखी हकीकत को छुपाने के लिए कुल्ले ईमान हज़रत अली (अ.स.) के पिता के इमान का इनकार किया.

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, शहरे मुंबई के मरकज़ में मौजूद जुहू के इमामबारगाह महफिले मुस्तफा में शबे रेहलत हज़रत अबू तालिब (अ.स) पर बोलते हुए जाफ़री ऑब्जर्वर मुंबई के संपादक मौलाना सैय्यद मुहम्मद ज़की हसन ने कहा कि मोहसिन इस्लाम हज़रत अबू तालिब (अ.स.) के ईमान पर इलमी और तरीखी साक्ष पेश किए।
मौलाना ने बयान किया कि दुश्मनों ने अपने बहुत से बुजुर्गों के बाप की इस्लाम कुबूल न करने की तारीखी हकीकत को छुपाने के लिए कुल्ले इमान हज़रत अली (अ.स.) के पिता के इमान का इनकार किया।  जबकि ईमान और इस्लाम के लाने का तसव्वुर वहां होता है, जहां पहले कुफ्र पाया जाता हौ, लेकिन अगर कोई व्यक्ति परिवार और जन्म से आस्तिक है, तो इस्लाम और विश्वास लाने का सवाल गलत है।
मौलाना ने स्पष्ट किया कि अकेले हज़रत अबू तालिब (अ.स.)का समर्थन था कि रसूल अल्लाह को मक्के से हिजरत नहीं करनी पड़ी। मोहसिन इस्लाम हज़रत अबू तालिब (अ.स.)के निधन होते ही हुज़ूरे अकरम को मक्का छोड़ना पड़ा. हज़रत अबू तालिब अ.स. की मदद रसूल अल्लाह (स.ल.व.व.) का मुकाबला तमाम मुसलमान मिलकर भी नहीं कर सकते थे इसीलिए आपका हक़ है कि आपको मोहसिन इस्लाम और मोहसिन पैंगम्बर (स.ल.व.व),के रूप में याद किया जाये।

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