۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
काबा

हौज़ा / पैग़म्बरे इस्लाम (स) के दामाद आम मुसलमानों के चौथे ख़लीफ़ा और शिया मुसलमानों के पहले इमाम हज़रत अली अलैहिस्सलाम का शुभ जन्म दिवस है। इसी कारण आज का दिन बहुत शुभ है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान के छोटे बड़े शहरों में हज़रत अली अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस की पूर्व संध्या से ही जश्न शुरु हो गया जो शुक्रवार देर रात तक जारी रहेगा। हज़रत अली इब्ने अबी तालिब (अ) का शुभ जन्म अभूतपूर्व एवं चमत्कार के रूप में पवित्र काबे में हुआ था। आज दुनिया के कोने कोने मे हज़रत अली (अ.स.) के शुभ जन्म दिवस का जश्न मनाया जा रहा है।

इराक़ के पवित्र नगर नजफ़ का दृश्य देखने योग्य है। पवित्र नगर नजफ़ में हर ओर जश्न का माहौल है। याद रहे कि पवित्र नगर नजफ़ में ही हज़रत अली अलैहिस्सलाम का रौज़ा (हरम) है। दूसरे शहरों से श्रद्धालु हज़रत अली अलैहिस्सलाम के रौज़े पर पहुंच रहे हैं। भारत और पाकिस्तान में अनेक जगहों पर आज हज़रत अली अलैहिस्सलाम का जन्म दिवस मनाया जा रहा है। इस मौक़े पर भारत और पाकिस्तान में बड़े-बड़े कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है। लोग एक दूसरे को मिठाईयां खिला रहे हैं। केक काट रहे है। 

उल्लेखनीय है कि, आज 13 रजब, हज़रत अली अलैहिस्सलाम का जन्म दिवस है। आप का शुभ जन्म हिजरत से 30 साल पहले सऊदी अरब के मक्का में स्थित पवित्र काबे के भीतर हुआ था। पैग़म्बरे इस्लाम (स) पर ईमान लाने वालों में हज़रत अली (अ) सबसे पहले व्यक्ति हैं और इस्लाम के प्रचार प्रसार के सभी चरणों में हज़रत अली (अ) पैग़म्बरे इस्लाम (स) के मुख्य मददगारों में थे। पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने अपने जीवन के अंतिम हज से लौटते वक़्त ईश्वर के आदेश से हज़रत अली (अ) को मक्का से कुछ दूर पर स्थित ग़दीरे ख़ुम नामक स्थान पर लगभग 1 लाख 25 हज़ार हाजियों के बीच अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था।

हौज़ा न्यूज़ हिन्दी की पूरी टीम की ओर से आज के इस शुभ अवसर पर अपने सभी प्रिय पाठको को बधाई प्रस्तुत करती है।

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