۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
अल्लामा काज़िम अब्बास नकवी

हौज़ा / अल्लामा काज़िम अब्बास नकवी ने एक बयान में कहा कि इंसान दुनिया के जाहिर के बारे में बहुत चतुर है, लेकिन अगर आप उनसे आख़ेरत के बारे में बात करते हैं, तो वह कहते हैं कि उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा है, दुनिया के कारोबार में हाथ सफाई करना उन्हें समझ में नहीं आता कि आख़ेरत मे उनका यह गुनाह कितना बड़ा अंबार बनकर सामने आएगा। दूसरों को प्रताड़ित करने के लिए खुद को थोड़ी सी राहत एक महान पीड़ा के रूप में दिखाई देगी।वास्तव मे आखेरत के मामलात मे इंसानो का रवैया गाफिलो की रह है।

हौजा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ज्वाइंट एक्शन कमेटी फार शिया मिसिंग पर्सन्स के अंतर्गत बाबा-ए कौम क़ाइद-ए आज़म मोहम्मद अली जिनाह के मजार के सामने केंद्रीय विरोध प्रदर्शन में मजलिसे वहदते मुस्लेमीन दक्षिणी जिला के अंतर्गत आयोजित आठवी वार्षिक मआरिफ -ए कुरआन क्लासेज अल्लामा सैयद काज़िम अब्बास नकवी ने कहा कि मानवता का सबसे बड़ा नुकसान अज्ञानता के मिश्रण से हुआ है। अज्ञानी मिश्रण वह व्यक्ति है जो सोचता है कि वह सब कुछ जानता है जबकि तथ्य यह है। अंबिया (अ.स.) और आइम्मा (अ.स.) असली विद्वान हैं, बाकी लोग छात्र हैं। यदि कोई व्यक्ति अपनी अज्ञानता को स्वीकार करता है, तो अल्लाह उसके लिए ज्ञान का द्वार खोलता है। इसका मतलब है कि मनुष्य जो जानता है वह बहुत कम है और केवल जाहिर है जबकि वास्तव में वह कुछ भी नहीं जानता है।

अल्लामा काज़िम अब्बास नकवी ने कहा कि सांसारिक तकनीक में जितना अधिक मनुष्य आगे बढ़ता है, उतना ही उसे अपनी अज्ञानता का एहसास होता है। मनुष्य अभी तक दुनिया की वास्तविकताओं को समझने में सक्षम नहीं हुआ है। मनुष्य के ज्ञान का स्रोत पांच इंद्रियां हैं। और ये इंद्रियां भी सीमित है, ऐसी कई चीजें हैं जो मनुष्य बिना साधनों के समझ नहीं सकता।

अल्लामा काज़िम अब्बास नकवी ने कहा कि इंसान दुनिया के जाहिर के बारे में बहुत चतुर है, लेकिन अगर आप उनसे आख़ेरत के बारे में बात करते हैं, तो वह कहते हैं कि उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा है, दुनिया के कारोबार में हाथ सफाई करना उन्हें समझ में नहीं आता कि आख़ेरत मे उनका यह गुनाह कितना बड़ा अंबार बनकर सामने आएगा। दूसरों को प्रताड़ित करने के लिए खुद को थोड़ी सी राहत एक महान पीड़ा के रूप में दिखाई देगी।वास्तव मे आखेरत के मामलात मे इंसानो का रवैया गाफिलो की रह है।

अल्लामा काज़िम अब्बास नकवी ने कहा कि क़यामत के दिन विश्वासियों के लिए हस्तक्षेप की मदद बीबी सैयदा फातिमा ज़हरा (स.अ.) से होगी। उन्होंने कहा कि विश्वासी उस दिन खुश थे जब रोम के फिर से जीतने की खबर आई। जब इमाम अली (अ.स.) को रोम की विजय के बारे में बताया गया, तो उन्होंने इसका सही अर्थ समझाया और कहा कि यह हमारे विरोधी थे (उमय्यद) का बोलबाला है और फिर इमाम ज़माना (अ.स.) के पुन: प्रकट होने के समय ईश्वर की व्यवस्था द्वारा फिर से वर्चस्व हासिल किया जाएगा। ईश्वर ने विश्वासियों पर हावी होने का जो वादा किया है वह निश्चित और अंतिम है, लेकिन अभी तक यह वर्चस्व नही है। यह हमारी अपनी कमियों और कमजोरियों के कारण है। 

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