۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
آغا سید مجتبیٰ

हौज़ा/हुज्जतुल इस्लाम आगा सैय्यद मुजतबा अब्बास अलमुसावी ने इमाम मुहम्मद बाकिर की शहादत के दिन अपने शुक्रवार के खुतबे के दौरान कहां,कि इमामे आली मक़ाम कि ज़ात ईल्म व हिक्मत का समंदर है। इनके फज़ायेल और इल्म कि बराबरी कोई नहीं कर सकता

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,बडगाम में शुक्रवार को पहली बार नामाज़े जुमआ के फराइज़ अंजाम देते हुए हुज्जतुल इस्लाम आगा सैय्यद मुजतबा अब्बास अलमुसावी ने शुक्रवार के खुतबे के दौरान कहां,कि इमामे आली मक़ाम कि ज़ात ईल्म व हिक्मत का समंदर है। इनके फज़ायेल और इल्म कि बराबरी कोई नहीं कर सकता, आपके किरदार इतने बुलंद हैं जिसकी बराबरी सारी दुनिया नहीं कर सकती, मौलाना आपके फज़येल को बयान करते हुए कहा,कि इमाम अपने ज़माने में इल्म व ज़ोहद और तक़वा और परहेज़गारी और दूसरे से सेफात मैं अपनी मिसाल आप हैं। आप की फज़ीलत के लिए यही काफी है कि रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने अपने मशहूर सहाबी जनाब जाबिर इब्ने अब्दुल्लाह अंसारी के ज़रिए आप को सलाम पहुंचाया और आपको बाकिरूल उलूम का लकाब दिया आप मां और बाप दोनों तरफ से अल्वी और हाशमी थे,
आपने अपनी मुद्दतें इमामत और ज़आमत में इस्लामी तालीमात और दीनी इकतेदार कायम किए
और इसी के साथ इत्तेहाद पर भी ज़ोरड दिए
बनी उमैय्या और बनी अब्बास के दरमियान सियासी और जंगी रसाकशी की बिना पर आपको हकीकि इस्लाम की तबलीग का सुनहरा मौका हाथ आया, जिसको बेहतरीन वक्त समझ कर इसका इमाम ने फायदा उठाया, आपने बहुत ज़्यादा दीनी स्टूडेंट को तैयार किया दीन ए इस्लाम की तबलीग़ के लिए आपने इल्मी एतबार से इस्लाम की शान और शौकत में चार चांद लगाए,
मौलाना ने कहा कि इस ज़माने में लोग इल्म से दूर होते चले जा रहे हैं हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम इमाम के इल्म को सीखे और दुनिया तक पहुंचाएं
  

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