हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अहलेबेत (अ.स.) फाउंडेशन के उपाध्यक्ष हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना तकी अब्बास रिजवी कलकत्तवी ने एक बयान में कहा कि आज इस्लाम की महानता और श्रेष्ठता आशूरा आंदोलन और महानता के साथ बनी हुई है। आशूरा की महानता हज़रत इमाम हुसैन (अ.) के चरित्र से पैदा होती हैं। इमाम हुसैन (अ.स.) मानव जाति के पूरे इतिहास में सबसे अनोखे और सिद्ध व्यक्ति में से एक हैं। इसलिए, पैगंबर (स.अ.व.व.) ने कहा: इमाम हुसैन (अ.स.) मार्गदर्शन का दीपक (चिरागो हिदायत) हैं। ऐसा चिराग जिस से हर एक को सुख की प्राप्ति हो सकती है।
उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन (अ.) मोक्ष की नाव (निदाक की क्शती) है, एक ऐसी नाव जो समय के हादसों से नहीं डूबती बल्कि अपने यात्री को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है। इमाम हुसैन (अ) अच्छाई और दुआओं के मालिक हैं उनके आशीर्वाद और अच्छाई से सारी मानवता लाभान्वित होती है। इमाम हुसैन (अ) सम्मान और गौरव के व्यक्ति हैं, आपका जीवन सम्मान और गौरव का स्रोत है। तो अब हमें इस पर विचार करने की आवश्यकता है: आशूरा की घटना कुछ घंटों से अधिक नहीं थी। लेकिन!1382 साल से बात हो रही है। हर साल और हर युग में ऐसा लगता है जैसे कल की बात है। जितना अधिक प्रसारित किया जाता है, उतनी ही ताजगी बढ़ती जाती है।
उन्होंने आगे कहा कि कर्बला की लड़ाई आज भी जारी है। हमें बस इतना करना है कि अशूरा के इतिहास के किस अध्याय में और किस लाइन में खड़े हैं।