۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
کربلائے عظیم اللہ خاں "شبیہ حرم امام علی رضا (ع) تالکٹورہ لکھنؤ"

हौज़ा/इमाम अली रज़ा (अ) फाउंडेशन तालकटोरा लखनऊ की जानिब से शबीहे हरमे इमाम अली रज़ा अ.स. में हर महीने की नोचन्दी जुमेरात को नमाज़े मगरेबैन के बाद मजलिस और मुनाजात का इनएक़ाद किया जाता है। जिसके बाद इमाम के दसतखान पर तमाम ज़ाएरीन के लिए खाने का एहतेमाम किया जाता है , और साल भर बिला तफ़रीक़े मज़हबो मिल्लत रोज़े की ओर से गरीब और जरूरतमंद मरीज़ अफ़राद का इलाज किया जाता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इमाम अली रज़ा (अ.स.) फाउंडेशन तालकटोरा लखनऊ की जानिब से शबीहे हरमे इमाम अली रज़ा अ: में हर महीने की नोचन्दी जुमेरात को नमाज़े मगरेबैन के बाद मजलिस और मुनाजात का इनएक़ाद किया जाता है। जिसके बाद इमाम के दसतखान पर तमाम ज़ाएरीन के लिए खाने का एहतेमाम किया जाता है , और साल भर बिला तफ़रीक़े मज़हबो मिल्लत रोज़े की ओर से गरीब और जरूरतमंद मरीज़ अफ़राद का इलाज किया जाता है।


लखनऊ रमज़ान की पहली जुमेरात को मजलिस और मुनाजात के दरमियान कर्बला-ए-अजीमुल्लाह खां में एज़ाज़ी खादेमीन के दरमियान क़ुरआ अंदाज़ी की जाएगी, ।शबीहे हरम में खादेमीन की तक़ररूरी के लिए पहले अपना नाम दर्ज करना होता है , उसके बाद जिन अफ़राद के नाम क़ुरए में आएंगे जाएगा उनको फोन पर इत्तेला दी जाती है की आपका नाम लिस्ट मे आ गया है और आज आप इमाम के दरबार में ख़िदमत अंजाम दे सकते हैं। इस तरह खादेमीने एज़ाज़ी का तक़्ररूर होता है ओर साल में एक मर्तबा क़ुरआ कशी मे नाम आने पर इमामे अली रज़ा अ.स. के रोज़ए मुबारक मशहदे मुक़द्दस की ज़ियारत के लिए टिकट दिया जाता है, ये सब इंतेज़ाम इमामे अली रज़ा अ: फाउंडेशन लखनऊ की जानिब से किए जाते हैं ओर किसी से किसी तरह का चंदा नही लिया जाता हैं।

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टिप्पणियाँ

  • Mosavi IN 20:54 - 2022/04/06
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    Wah bohut achi bat imam ki dawat kis ko hoti he
  • مبشر حسین IN 03:36 - 2022/04/07
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    یاغریب الغرباء ہم کو بھی بلا لیجیے اپنے روضہ پر