रविवार 1 मई 2022 - 19:18
इंसान मौत से विश्वास में कमज़ोरी और निश्चितता की कमी के कारण भागता हैं ,मौलाना फ़ैज़ अब्बास मशहदी

हौज़ा/जामिया इमामिया तनज़ीमुल मकातिब लखनऊ में मजलिसे तरहीम आयोजित हुई जिसमें मौलाना ने मौत के बारे में विवरण से प्रकाश डाला, मौत की हकीकत और मौत से लोग क्यों डरते हैं क्या कारण है लोग जो मौत का नाम सुनत हि डर जाते और मौत से दूर भागने की कोशिश करते हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,लखनऊ: मौलाना कमर सिबतैन, मौलाना अली मोहम्मद मोहम्मदी, मौलवी मोहम्मद जौन, मरहूमा हिना ज़हरा और मर्दे मोमिन ज़मीर हसन की दूसरी वर्षगांठ के मौक़े पर खादिमाने तनज़ीमुल मकातिब की ओर से गोलागंज स्थित बानिए तनज़ीमुल मकातिब हॉल में मजलिसे तरहीम आयोजित हुई।
सबसे पहले जामिया इमामिया के शिक्षकों और छात्रों ने कुरआन ख्वानी की। उसके बाद मौलाना अली मोहम्मद ने पवित्र कुरआन की तिलावत से मजलिस की शुरुआत किया। मौलाना अली मोहम्मद नकवी और मौलाना सैयद सफदर अब्बास ने बारगाहे अहलेबैत में मंज़ूम नज़राने अकीदत पेश किए
मशहूर खतीब मौलाना सैय्यद फ़ैज़ अब्बास मशहदी ने मजलिस को संबोधित करते हुए मृत्यु की वास्तविकता पर प्रकाश डाला। मौलाना फ़ैज़ अब्बास ने कहा रिवायतों में नींद को छोटी मौत कहा गया है और इस छोटी मौत के लिए हर इंसान हमेशा तय्यार रहता है और अगर किसी को नींद नहीं आती है तो वह दवा लेकर नींद लेता है ताकि उसे शांति मिल सके। लेकिन जब बड़ी मौत की बात आती है, तो मनुष्य भाग जाता है और भयभीत हो जाता है क्योंकि रवायात में दिया गया कारण विश्वास में कमज़ोरी और निश्चितता की कमी है।
मौलाना फ़ैज़ अब्बास मशहदी ने मौलाना कमर सिबतैन और मौलाना अली मोहम्मद मोहम्मदी का ज़िक्र करते हुए कहा कि मृत्यु मानव शरीर को ढक सकती है लेकिन यह उसकी भूमिका को छिपा नहीं सकती। आज हम जिन मृतकों की स्मृति में एकत्र हुए हैं उनकी स्मृति उनके उदात्त चरित्र और अच्छे चरित्र के कारण हमेशा जीवित रहेंगे।

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