۱۰ مهر ۱۴۰۳ |۲۷ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Oct 1, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा / मुनाफिक़ अपने बीमार दिल और बीमार दिमाग़ की वजह से उनकी हरकतें भ्रष्टाचार और विनाश फैलाने वाली गतिविध को सुधार समझते हैं। मुनाफ़ेक़ीन का तबाही फैलाना और उन पर नसीहत का असर ना होना उनके हृदय रोग के कारण है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

तफसीर; इत्रे क़ुरआन: तफसीर सूरा ए बकरा

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم   बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्राहीम
وَإِذَا قِيلَ لَهُمْ لاَ تُفْسِدُواْ فِي الأَرْضِ قَالُواْ إِنَّمَا نَحْنُ مُصْلِحُونَ   वइज़ा क़ीला लहुम ला तुफ्सेदू फ़िल अर्जे क़ालू इन्नमा नहनो मुस्लेहून। (बकरा 11)

अनुवादः जब उनसे कहा जाता है कि धरती में उत्पात न मचाओ तो कहते हैं कि हम तो केवल सुधारक हैं।

📕 क़ुरआन की तफ़सीर 📕

1️⃣    पाखंडी समाज में तबाही और फसाद फैलाने वाले तत्व हैं।
2️⃣    तबाही फैलाने वाले ढोंगी अपने बारे में जरा सी भी तबाही मानने को तैयार नहीं हैं।
3️⃣    मुनाफ़िक खुद को सुधारक मानते हैं।
4️⃣    पाखंडी अपने बीमार हृदय और बीमार मन के कारण अपने भ्रष्ट और विनाशकारी कार्यों को सुधार मानते हैं।
5️⃣    मुनाफिकों का नाश और उन पर उपदेश का प्रभाव न होना उनके हृदय रोग का कारण है।
6️⃣    दिल और दिमाग की बीमारी की साफ निशानी है बुराई फैलाना और नसीहत का असर न होना।
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📚 तफसीरे राहनुमा, सूरा ए बकरा
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