हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
तफसीर; इत्रे क़ुरआन: तफसीर सूरा ए बकरा
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह हिर्रहमा निर्राहीम
وَإِذَا قِيلَ لَهُمْ لاَ تُفْسِدُواْ فِي الأَرْضِ قَالُواْ إِنَّمَا نَحْنُ مُصْلِحُونَ वइज़ा क़ीला लहुम ला तुफ्सेदू फ़िल अर्जे क़ालू इन्नमा नहनो मुस्लेहून। (बकरा 11)
अनुवादः जब उनसे कहा जाता है कि धरती में उत्पात न मचाओ तो कहते हैं कि हम तो केवल सुधारक हैं।
📕 क़ुरआन की तफ़सीर 📕
1️⃣ पाखंडी समाज में तबाही और फसाद फैलाने वाले तत्व हैं।
2️⃣ तबाही फैलाने वाले ढोंगी अपने बारे में जरा सी भी तबाही मानने को तैयार नहीं हैं।
3️⃣ मुनाफ़िक खुद को सुधारक मानते हैं।
4️⃣ पाखंडी अपने बीमार हृदय और बीमार मन के कारण अपने भ्रष्ट और विनाशकारी कार्यों को सुधार मानते हैं।
5️⃣ मुनाफिकों का नाश और उन पर उपदेश का प्रभाव न होना उनके हृदय रोग का कारण है।
6️⃣ दिल और दिमाग की बीमारी की साफ निशानी है बुराई फैलाना और नसीहत का असर न होना।
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📚 तफसीरे राहनुमा, सूरा ए बकरा
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