हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,वाराणसी, पैगम्बर मोहम्मद साहब की बेटी जनाबे फात्मा का रौजा (मकबरा) सन 1923 में सऊदी की तत्कालीन हुकूमत ने मदीने में तोड़ दिया था। इसकी याद में हर साल वाराणसी के कालीमहल स्थित मस्जिद से शिया समुदाय के लोग जुलूस निकालते हैं।
इस वर्ष इस आयोजन को 100 साल पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे में शहर भर की अंजुमनें इस जुलूस में शिरकत करेंगी। इस बात की जानकारी अंजुमन हैदरी के अध्यक्ष अब्बास मुर्तुजा शम्सी ने दी।
उन्होंने बताया कि हम हर साल की तरह यह जुलूस कालीमहल से निकलकर दारानगर शिया जमा मस्जिद तक लेकर जाएंगे और वहां एक मेमोरंडम सरकार के नुमाइंदे को सौंपेंगे,
अंजुमन हैदरी के अध्यक्ष अब्बास मुर्तजा शम्सी ने बताया कि मोहम्मद साहब की बेटी का मकबरा सऊदी के मदीना शहर के जन्नतुल बकी कब्रिस्तान में था। इस रौजे को साल 1923 को इस्लामिक माह ईद की 8 तारीख को तत्कालीन सऊदी हुकूमत ने जमीदोज कर दिया था। तब से लेकर आज तक शिया मुसलमान इस बात का हर साल विरोध पूरी दुनिया में कर रहे हैं ताकि इस रौजे का पुनः निर्माण हो सके।