हौजा न्यूज एजेंसी के अनुसार, हौज़ा ए इल्मिया नजफ़ अशरफ के प्रसिद्ध शिया आयतुल्लाहलि उज्मा सय्यद अली हुसैनी सिस्तानी ने ग़ैर शियाऔ और काफिरो को अम्र बिल मारूफ और नही अज़ मुंकर करने से संबधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ पेश कर रहे है।
प्रश्न: क्या उपयोगी होने और हानिकारक नहीं होने की स्थिति मे गैर शियाओं और काफिरों को अम्र बिल मारूफ़ और नही अज़ मुंकर करना वाजिब है ?
उत्तर: हाँ, यदि सभी शर्तें पूरी होती हैं तो यह अनिवार्य है। इसकी शर्तों में से एक यह है कि वह व्यक्ति पाप करने या कर्तव्य छोड़ने से अक्षम नहीं है और अज्ञानता का दोषी नहीं है पहले उसे नसीहत करे, उसके बाद अगर वह नही रुक रहा हो तो अम्र बिल मारूफ करना वाजिब है और ज़रूरी है कि उसे ऐसा करने से रोका जाए जो पवित्र शरीयत को मंजूर नहीं है, जैसे ज़मीन पर बुराई फैलाना, हत्या और खून बहाना आदि से रोकना ज़रूरी है चाहे इसका अंजाम देने वाला जाहिले क़ासिर ही क्यो ना हो।