हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
तफसीर; इत्रे कुरान: तफसीर सूर ए बकरा
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
أُولَـٰئِكَ الَّذِينَ اشْتَرَوُا الضَّلَالَةَ بِالْهُدَىٰ وَالْعَذَابَ بِالْمَغْفِرَةِ ۚ فَمَا أَصْبَرَهُمْ عَلَى النَّارِ उलाएकल लज़ीनश तरावुज़ ज़लालता बिलहुदा वल अज़ाबा बिल मग़फ़ेरते फ़मा असबराहुम अलन्नारे (बकरा 175)
अनुवादः यही वे लोग हैं जिन्होंने मार्गदर्शन के लिए पथभ्रष्टता मोल ली और क्षमा के बदले दण्ड। वे नरक में कितने धैर्यवान हैं।
क़ुरआन की तफसीर:
1️⃣ धर्म बेचने वाले और आसमानी किताबों के नियमों और शिक्षाओं को छुपाने वाले गुमराही के शिकार हैं और हिदायत से दूर हैं।
2️⃣ ऐसे लोग परमेश्वर की क्षमा से वंचित रहेंगे और नरक की आग में तड़पेंगे।
3️⃣ नरक की आग शक्तिशाली और असहनीय होती है।
4️⃣ जहन्नुम की आग को सहने का सोचना और उसके प्रति बेफिक्र रहना बहुत ही अजीब और अतार्किक बात है।
5️⃣ नापाक और गैरजिम्मेदार विद्वान अल्लाह की क्षमा से वंचित रह जाएंगे और नरक की आग में तड़पेंगे।
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तफसीर राहनुमा, सूर ए बकरा