हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,गाजियाबाद,ऐ सैयदा के लाल तुझको उम्र भर रोएंगे हम, हम फकत पैदा हुए रोने रुलाने के लिए इन पंक्तियों के साथ नोहाख्वानी व सीनाजनी करते हुए शिया सोगवारों ने नवासा ए रसूल हज़रत इमाम हुसैन की याद में आंसू बहाए। ताजिये के साथ जुलूस इस्लामनगर से बरामद हुआ, जिसमें हजारों सोगवारों ने शिरकत कर शोहदा-ए करबला को खिराज ए अकीदत पेश किए
कोरोना संक्रमण पर पाबंदी के दो साल बाद अशरा ए मोहर्रम पर ताजिया जुलूस निकाला गया इससे पहले मौलाना मुजम्मिल अली ने मजलिस में खिताब करते हुए इमाम हुसैन और उनके परिवार व 72 साथियों की शहादत को बयान किया।
हज़रत हुसैन ने जालिम यजीद के आगे घुटने नहीं टेके और इंसानियत बचाने के लिए शहादत दी। इसके बाद अंजुमन-ए हुसैनी अलम और ताजियों का जुलूस लेकर नोहा ख्वानी और इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए ताजिया जुलूस के साथ मातम किया