हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام المہدی عجل اللہ تعالی فرجہ :الشریف
لَئِنْ أَخَّرَتْنیِ آلدُّهورُ وَ عاقَنی عَنْ نَضرِكَ المَقدور... فَلَأَنْدُبَنَّكَ صَباحاً وَ مَساءً ولَأَبْكِیَنَّ عَلَیكَ بَدَلَ الدُّموُعِ دَماً.
हज़रत इमाम ए ज़माना अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
ए मेरे जद्देबुजुर्गवार,या अबा अब्द अल्लाहिल हुसैन अगर ज़माने ने मुझे आप के हुजूर में रहने से ताखिर में डाल दिया है और तकदीर ए इलाही ने मुझे आपकी मदद से रोक दिया हैं तो मैं खुदा की कसम खा कर कहता हूं कि मैं सुबह शाम आपके लिए गिरिया व ज़ारी करूंगा और अगर मेरे आंसू सूख जाए तो मैं आपके लिए ख़ून का रोना रोऊंगा, खून के आंसू बहाऊगा
बिहारूल अनवार,भाग 98,पेंज 269