۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा / पति-पत्नी के बीच अनबन होने पर तलाक ही आखिरी रास्ता होता है

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

तफ़सीर; इत्रे क़ुरआन: तफ़सीर सूर ए बकरा

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم     बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
وَإِنْ عَزَمُوا الطَّلَاقَ فَإِنَّ اللَّـهَ سَمِيعٌ عَلِيمٌ   वाइन्ना अज़मूत तलाक़ा फ़इन्नल्लाहा समीउन अलीम (बकरा, 227)

अनुवाद: और यदि वे तलाक लेने का मन बना लें, तो निश्चय ही ईश्वर सब कुछ सुनने वाला और जानने वाला है।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣  तलाक पर निर्णय लेना पुरुष के हाथ में है।
2️⃣  तलाक में शब्द और इरादा मान्य होते हैं।
3️⃣  पति-पत्नी के बीच अनबन होने पर तलाक ही अंतिम उपाय होता है।
4️⃣  सर्वशक्तिमान ईश्वर के अनुसार तलाक एक अवांछनीय कार्य है।


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तफसीर राहनुमा, सूर ए बकरा

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