۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
پوسٹ مارٹم

हौज़ा | आयतुल्लाह खामेनई:  जायज़ नहीं है मगर किसी की नेजात इस पर निर्भर हो या इस्लामी देश की चिकित्सा ज़रूरतें इसके बिना पूरी न हों और कुछ मामलों में ज़रूरत हो। आयतुल्लाह सिस्तानी: यह किसी भी परिस्थिति में जायज़ नहीं है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

सवाल:
किसी मुस्लिम के शव के पोस्टमॉर्टम का क्या हुक्म है?
आयतुल्लाह खामेनई: जायज़ नहीं है मगर किसी की नेजात इस पर निर्भर हो या इस्लामी देश की चिकित्सा ज़रूरतें इसके बिना पूरी न हों और कुछ मामलों में ज़रूरत हो।
आयतुल्लाह सिस्तानी: यह किसी भी सूरत में जायज़ नहीं है।
आयतुल्लाह बेहजात: यह जायज़ नहीं है
आयतुल्लाह फ़ाज़िल लंकरानी: जायज़ नहीं है।
आयतुल्लाह साफ़ी गुलपाएगानी: जायज़ नहीं है
आयतुल्लाह वहीद खोरासानी: मुस्लिम मृतकों का पोस्टमॉर्टम जायज़ नहीं है (मसला न: 2891)
आयतुल्लाह मकारिम शिराज़ी: हमारे तौज़ीह अल-मसाइल के मसला नंबर 2449 में उल्लिखित शर्तों के अनुसार पोस्टमॉर्टम में कोई समस्या नहीं है।

मसाइले जदीद अज़ दीदगाहे उलमा वा मराजे ए तकलीद भाग 2, पृष्ठ 145, 146

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .