۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
शौकत भारती

हौज़ा/ग्रेटर इसराइल का ख्वाब देखने और गाज़ा खाली करा कर गाज़ा पर कब्जा करने की कोशिश करने वाले इसराइल की उल्टी गिनती शुरू, बेगुनाह औरतों बच्चों को भूखा प्यासा रखने उन पर बम बरसाने वाले इसराइल को उसका ही सबसे बड़ा साथी जंग रोकने को कह रहा है मगर इसराइल नहीं मान रहा आप उसके बर्बादी का दिन करीब हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,पुतिन चाइना पहुंचे ईरान लेबनान,मिस्र,इजराईल,सीरिया, कतर के हुक्मरानो के साथ फिलिस्तीन के सदर महमूद अब्बास से पुतीन ने टेलीफोन पर बात की। अमरीका अरब मुलको को समझाने में हुआ फेल तेलअबीब पर लगातार बरस रहें हैं हमास के राकेट हवाई रस्ते हुए बंद,सुरक्षा की वजह से बाइडेन ने इसराइल आने से किया इंकार 2000 अमरीकन और बहुत से इसराइली हवाई रस्ता बंद होने के कारण बड़ी मुश्किल से पानी के रास्ते से इसराइल छोड़ कर साइपरस भागे।

लेबनॉन बार्डर पर इसराइल को हिजबुल्लाह दे रहा है कड़ी टक्कर।गाज़ा वासियों पर इसराइल बरसा रहा हैं बम,इसराइल की हालत हुई पतली हवाई हमले रोकने और टू नेशन थ्योरी पर अमल करने का पड़ रहा है इसरौलपर दबाओ।

इसराइल की जनता भी हो गई नेतनयाहू के खिलाफ,टू नेशन थ्योरी मानने से इसराइल को अपनी 60 परसेंट जमीन से हाथ धोना पड़ेगा। ग्रेटर इसराइल का ख्वाब देखने और गाज़ा खाली करा कर गाज़ा पर कब्जा करने की कोशिश करने वाले इसराइल की उल्टी गिनती शुरू, बेगुनाह औरतों बच्चों को भूखा प्यासा रखने उन पर बम बरसाने वाले इसराइल को उसका ही सबसे बड़ा साथी जंग रोकने को कह रहा है मगर इसराइल नहीं मान रहा। गाज़ा का हाल बुरा हैं।

खाना,पीना,बिजली,दवा,फ्यूल सब खत्म 48 हिस्पिटल पर हमले कर के बरबाद कर दिये गए हॉस्पिटल के मुर्दा खाने सब लाशों से भर चुके लाशें आईस क्रीम ट्रक में रखी हैं हजारों लोग मलबे में दबे है जिन्हें निकालने के लिए कोई मशीन नहीं है पता नहीं जिंदा है या नहीं,बम बरस रहे हैं 23 लाख लोग गाज़ा में मौत और जिंदगी से लड़ रहे हैं।

अमरीका इसराईल के लिए वार शिप ला सकता है,इसराइल को असलहा पहुंचा सकता है,स्पेशल अमरीकी कमांडो भेज सकता है। गाज़ा के मरते हुए बच्चों औरतों को दवा,खाना और पानी नहीं पहुंचा सकता सोच लीजिए ये लोग इन्सान हैं या जानवरों से बदतर।

युनाइटेड नेशन,ह्यूमन राइट्स, डब्लू एच हो ये सारी आर्गनाइजेशन खत्म कर देना चाहिए ये सब मुसलमानो को कीड़े मकूड़ों से बद तर समझते हैं।

सड़े हुए अरब लीग के मिंबबर्स और ओ ई सी मुल्कों के  सरबराहों को गाज़ा के लोगों की हालात देख कर अपने अपने चेहरे आईने में देखना चाहिए और अपने जमीर से सवाल करना चाहिए की किस तरह 23 लाख लोग सिसक सिसक कर मर रहें हैं और वो देख रहे हैं।
(शौकत भारती)

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