۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / सलाम का जवाब देना वाजिब है, भले ही वह पवित्र कुरान की तिलावत मे मशग़ूल हो।

होज़ा न्यूज़ एजेंसी

सवालः क़ुरआन की तिलावत में मश़ग़ूलियत के समय यदि कोई सलाम करता है तो क्या उसका उत्तर देना वाजिब है?
उत्तर: सलाम का जबाव देना वाजिब है, भले ही वह पवित्र कुरान की तिलावत मे मशग़ूल हो।

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