हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं।जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।
सवाल: एक गरीब आदमी मेरे कुछ पैसे का कर्ज़दार है इतना ही पैसा मुझे रद्द की सूरत में देना है अगर गरीब आदमी को इसकी खबर के बगैर कर्ज से बरी कर दिया जाए तो क्या मुझसे रद्दे मज़ालिम का वाजिब उठ जाएगा अगर इससे खबर दे दूं तो काफी होगा?
उत्तर: अगर रद्दे मज़ालिम कि नियत से इसे ज़िम्मेदारी से बरी कर दे! तो आप का ज़िमा भरी हो जाएगा और खबर देना जरूरी नहीं हैं।