۳ آذر ۱۴۰۳ |۲۱ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 23, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने फ़िदये को किसी दूसरी चीज मे बदलने से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने फ़िदये को किसी दूसरी चीज मे बदलने से संबंधित पूछे गए सवाल का जवाब दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए सवाल और उसका जवाब का पाठ बयान कर रहे है।

एक व्यक्ति जिसके जिम्मे फ़िद्या या कफ्फारा ताख़ीर देना वाजिब है, उदाहरण के लिए, यदि उसे दस दिन के बराबर मुद भोजन देना है, तो जरूरी है दस मुद खाने के बराबर उदाहरण के लिए दस मुद 750 ग्राम गेहूं  या रोटी वगैरह फकीर को दे। यह व्यक्ति भोजन का जो मूल्य बनता है उसे किसी दूसरी वस्तु मे नहीं बदल सकता (उदाहरण के लिए, यदि वह किसी गरीब व्यक्ति को मुर्गी या एक निश्चित मात्रा में मांस देना चाहता है)।

प्रश्न: कफ़्फारे की कुछ राशि जमा की गई है, क्या हम इसका उपयोग गरीबों को राशन प्रदान करने के लिए कर सकते हैं?

उत्तर: इसमें कोई हर्ज नहीं है, लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि एकत्र किए गए भोजन की मात्रा के अनुसार एकत्र किए गए कफ्फारे को फकीर को दिया जाना चाहिए, उदाहरण के लिए, यदि कफ्फारे देने वाले ने गेहूं का कफ्फारा देने के लिए धन दिया है, तो यह आवश्यक है कि केवल गेहूँ दिया जाए और उसे चावल या अन्य समान वस्तुओं में बदलना जायज़ नहीं है।

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