۹ تیر ۱۴۰۳ |۲۲ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jun 29, 2024
लखनऊ

हौज़ा/हर साल की तरह इस साल भी हज़रत इमाम हसन अ.स.के दस्तरखान का आयोजन हुआ,दस्तरखान से पहले महफिल हुई, जिसमें पहले शायरों ने कलाम पेश किए उसके बाद मौलाना सैय्यद अली हाशिम आब्दी ने महफिल को ख़ेताब करते हुए इमाम हसन अ०स० की सखावत और करामात बयान की, और कहा कि अल्लाह हमसे दो ही चीजें चाहता है एक उसकी इबादत दूसरे उसके बंदों की खिदमत यह दस्तरखान हमें बताता है कि हमें चाहिए कि हम दूसरों की मदद करें।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत इमाम हसन अ०स० दस्तरखान कमेटी के सेक्रेटरी मुहम्मद अंसार अली खान ने बताया: जनाब शहज़ादा ख़ुर्रम का बेना करदा इमाम हसन अ०स० का दस्तरखान पिछले सालों की तरह इस साल भी 21 जमादिउस्सानी 4 जनवरी को नमाजे मग़रेबैन के बाद रौजा ए फातमैन लखनऊ में मुनअकिद हुआ,

दस्तरखान से पहले महफिल हुई, जिसमें पहले शायरों ने कलाम पेश किया उसके बाद मौलाना सैय्यद अली हाशिम आब्दी ने महफिल को ख़ेताब करते हुए इमाम हसन अ०स० की सखावत और करामात बयान की, और कहा कि अल्लाह हमसे दो ही चीजें चाहता है एक उसकी इबादत दूसरे उसके बंदों की खिदमत यह दस्तरखान हमें बताता है कि हमें चाहिए कि हम दूसरों की मदद करें,

महफिल के बाद मेहमाने ख़ुसूसी डा० उमंग खन्ना, डॉ० आसिम ज़ैदी को शाल पहना कर सम्मानित किया गया, मौलाना सैयद अली हाशिम आब्दी ने नज़्र दी महफिल और दस्तरखान में मोमनीन और मोमिनात ने कसीर तादाद में शिरकत की!

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