हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मौलाना सैयद अली हाशिम आब्दी ने अशरा ए मजालिस की नवीं मजलिस में रसूलुल्लाह स०अ० की हदीस "यक़ीनन क़त्ले हुसैन (अ.स.) से मोमिनों के दिलों में ऐसी गर्मी पैदा हो गई है जो कभी ठंडी नहीं होगी।" को बयान करते हुए कहा: यह फर्शे अज़ा, यह मातमी जुलूस, इमाम हुसैन अ०स० के नाम पर लोगों को खाना खिलाना, पानी पिलाना उसी ईमानी हरारत का नतीजा है!
मौलाना सैयद अली हाशिम आब्दी ने कहा: आशूर का दिन ग़म का दिन है, मुसीबत का दिन है, इस दिन नबियों के वारिस इमाम हुसैन अ०स० और उनके बा वफा साथियों और बेटों को तीन दिन की भूक और प्यास में बहुत मज़लूमियत से शहीद किया गया कि सूरज को गहेन लगा, करबला की ज़मीन को ज़लज़ला आया, मासूम इमामों ने इस दिन ग़म मनाया, मोहसिने इंसानियत का ग़म मनाना एहसान मंदी का तक़ाज़ा है! लेकिन इसके विपरीत बनी उमय्या ने आशूर के दिन खुशी मनाई, ईद मनाई, दरबारी मुल्लाओं ने हदीसें गढ़ी कि इस दिन रोज़ा रखना सवाब है, लेकिन जहाँ कहीं भी रोज़े वाली रवायत को बयान किया गया तो कहीं दौरे जाहेलियत का ज़िक्र है तो कहीं यहूदियत का तज़केरा है, जब कि रसूलुल्लाह स०अ० ने इस्लाम की तब्लीग़ की न कि जाहेलियत या रहूदियत को रायेज किया, ऐसी मन गढ़त रवायतें शाने रेसालत के मुखालिफ बल्कि शाने रेसालत में गुस्ताखी है!

हौज़ा / लखनऊ, पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी अशरा ए मजालिस बारगाह उम्मुल-बनीन सलामुल्लाह अलैहा मंसूर नगर में सुबह 7:30 बजे आयोजित किया जा रहा है, जिसे मौलाना सैयद अली हाशिम आब्दी खेताब कर रहे हैं।
-
मोमिन चापलूसी नहीं कर सकता: मौलाना सैयद अली हाशिम आब्दी
हौज़ा /जब से यह दुनिया बनी है न जाने कितने बड़े बड़े हादसे हुए कि जिस से इंसान कांप गया लेकिन जैसे जैसे वक़्त गुज़रा उस का असर कम हो गया और उन में से ज़्यादा…
-
मजलिसों में हज़रत फातिमा स० अ० आती हैं: मौलाना सैयद अली हाशिम आब्दी
हौज़ा / रसूलुल्लाह स०अ० की हदीस "यक़ीनन क़त्ले हुसैन (अ.स.) से मोमिनों के दिलों में ऐसी गर्मी पैदा हो गई है जो कभी ठंडी नहीं होगी।" को बयान करते हुए कहा:…
-
रिशवत लेना किसी भी सूरत जायेज़ नहीं: मौलाना सैयद अली हाशिम आब्दी
हौज़ा / इमाम हुसैन अ०स० का साथ देने वालों ने न अपनी जान की परवाह की और न ही अपनी अवलाद और माल की फिक्र की, हज़रत मुस्लिम बिन अक़ील अ०स० को मालूम था कि…
-
हर सुब्ह व शाम हज़रत अब्बास अ०स० पर अल्लाह और मलाएका का सलाम: मौलाना सैयद अली हाशिम आब्दी
हौज़ा / लखनऊ, पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी अशरा ए मजालिस बारगाह उम्मुल-बनीन सलामुल्लाह अलैहा मंसूर नगर में सुबह 7:30 बजे आयोजित किया जा रहा है, जिसे…
-
कुरानी कक्षाओ के समापन पर पुरूस्कार वितरण समारोह
हौज़ा / क़ुरान करीम की शिक्षा को ध्यान मे रखते हुए रमज़ान 1444 को मस्जिद इमाम हसन मुज़्तबा अ०स० (छोटी मस्जिद) लंगरखाना हुसैनाबाद में क़ुरानी कक्षाओ का…
-
इमामे वक़्त को खुश करने का सलीक़ा सिखाया हज़रत मुख्तार ने: मौलाना सैयद अली हाशिम आब्दी
हौज़ा / मौलाना सैयद अली हाशिम आब्दी ने जनाबे मुख्तार की शहादत का हवाला देते हुए बयान किया कि हमारी जिंदगी का एक अहम मक़सद यह होना चाहिए की इमामे वक़्त…
-
क़ुरआन का अपमान मानवता का अपमान है:मौलाना सैयद अली हाशिम आब्दी
हौज़ा / हर चीज़ ख़त्म हो जाये गी मगर जिसे खुदा बाक़ी रखे चाहे दुनिया उसे माने या न माने, जैसे कोई खुदा को माने या न माने, उसकी इबादत करे या न करे उसके…
-
लोगों से बेनियाज़ी में इज़्ज़त है: मौलाना सैयद अली हाशिम आब्दी
हौज़ा / इमाम मोहम्मद तक़ी अलैहिस्सलाम ने फरमाया: लोगों से बेनियाज़ी में मोमिन की इज्जत है।
-
10 मुहर्रम आशूरा के दिन रोज़ा रखना सुन्नत या बिदअत?
हौज़ा / जैसे ही नवासा ए रसूल स. हज़रत इमाम हुसैन अ.स. के क़याम व शहादत का महीना मोहर्रम शुरु होता है वैसे ही एक ख़ास सोच के लोग इस याद और तज़करे को कमरंग…
-
इस्लाम पार्ट आफ लाइफ नहीं वे ऑफ लाइफ है
हौज़ा / अपना अकीदा कुरान,मुस्तनद हदीस,उसूल दीन और अक्ल की रौशनी में गौर फिक्र कर के मानने वाले उलमाए किराम और दीनदार मुसलमान बड़े से बड़े तूफानों और आंधियों…
-
नमाज़ मुहब्बत ए हुसैन से शुरू और उसी पर खत्म होती हैं।इमाम हैदर
हौज़ा/जौनपुर,जिले में माहे मुहर्रम को लेकर मजलिसों और मातम का सिलसिला जारी है सभी अजाखानों में प्रत्येक दिन मजलिसों का आयोजन किया जाता है जिसमें ओलमा ए…
-
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी:
ईद ए ग़दीर की रक्षा इस्लाम की रक्षा हैं / फोटो
हौज़ा/पाकिस्तान से आए मोमेनीन ने हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी से उनके केन्द्रीय कार्यालय नजफ़ अशरफ़ में मुलाकात की,इस बैठक में मरज…
-
अंसारुल महदी कांफ्रेंस का आयोजन
हौज़ा / अहयू अमरना ट्रस्ट की जानिब से जामेअतुर रेसालतिल इलाहिया क़िला सलेमपुर में स्कूलों और कालेजों में पढ़ने वाले नौजवानों की दीनी तालीम व तरबियत के…
-
रौज़ा ए फातमैन लखनऊ में महफिल और इमाम हसन अ०स० का दस्तरखान मुनअकिद हुआ/फोटों
हौज़ा/हर साल की तरह इस साल भी हज़रत इमाम हसन अ.स.के दस्तरखान का आयोजन हुआ,दस्तरखान से पहले महफिल हुई, जिसमें पहले शायरों ने कलाम पेश किए उसके बाद मौलाना…
आपकी टिप्पणी