۸ مهر ۱۴۰۳ |۲۵ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Sep 29, 2024
इत्रे क़ुरआन

हौज़ा | धर्मत्यागियों से निपटने का तरीका उन्हें श्राप देना है। अल्लाह ताला ईमानवालों को धर्मत्याग से सावधान करता है और उन्हें अपनी ओर खींचता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم   बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
أُولَٰئِكَ جَزَاؤُهُمْ أَنَّ عَلَيْهِمْ لَعْنَةَ اللَّهِ وَالْمَلَائِكَةِ وَالنَّاسِ أَجْمَعِينَ   ऊलाएका जज़ाओहुम अन्ना अलैहिम लाअनतुल्लाहे वल मलाएकते वन्नासे अजमाईन  (आले इमरान, 87)

अनुवाद: ऐसे लोगों की सज़ा यह है कि उन पर अल्लाह, फ़रिश्ते और तमाम इंसानों की लानत है।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣ धर्मत्यागियों से निपटने का तरीका उन्हें श्राप देना है।
2️⃣ अल्लाह तआला का मोमिनों को धर्मत्याग से सावधान करना और उन्हें अपनी ओर आकर्षित करना।
3️⃣ धार्मिक विचलन और गुमराही के विरुद्ध इस्लामी समाज की प्रतिक्रिया आवश्यक है।
4️⃣ मनुष्य के बुरे कर्मों पर देवदूतों की प्रतिक्रिया।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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