हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं।जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।
सवाल:अगर हायज़ा (महवारी)औरत माहे रमज़ान में सुबह कि आज़ान से पहले पाक हो जाए पाक हो जाए तो उसकी क्या ज़िम्मेदारी हैं?
उत्तर: अगर इसके पास गुस्ल करने का वक्त हो तो ज़रूरी है कि आज़ान से पहले गुस्ल करें और अगर वक्त तंग (कम )हो तो ज़रूरी है कि तयम्मुम करें और उसका रोज़ा सही हैं और अगर जानबूझकर गुस्ल या तयम्मुम ना करें तो उसका रोज़ा बातिल हैं और उस पर रोज़े की कज़ा व कफ़्फ़ारा अमदन वाजिब हैं।