हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "तोहफ ए ओकूल" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الحسن العسکری علیه السلام
لَیسَتِ العِبادَةُ کَثرَةَ الصیّامِ وَ الصَّلاةِ وَ انَّما العِبادَةُ کَثرَةُ التَّفَکُّر فی أمر اللهِ
हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
इबादत सिर्फ नमाज़ और रोज़े की कसरत का नाम नहीं है बल्कि हकीकते इबादत यह है कि बहुत ज़्यादा अल्लाह तआला के कामों में फिक्र से काम लिया जाए
तोहफ ए ओकूल,पेंज 442