हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "नहजुल बलाग़ा" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام العلى عليه السلام
اِذا اَرَدْتَ اَنْ تَعْرِفَ طَبْعُ الرَّجُلِ فَاسْتَشِرْهُ، فَاِنَّكَ تَقِفُ مِنْ مَشْوَرَتِهِ عَلى عَدْلِهِ وَ جَوْرِهِ وَ خَيْرِهِ وَ شَرِّهِ
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जब आप किसी व्यक्ति के चरित्र और उसके स्वभाव को जानना चाहते हो तो अपने कामों में इससे सलाह लो,क्योंकि इससे सलाह करने से इसकी अदालत इसके ज़ुल्म और जौर इसकी भलाई और इसकी बुराई से आगाह हो जाओगें,
नहजुल बलाग़ा,हिकमत नं 488