हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मानी अलअख़बार" पुस्तक से लिया गया हैं इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام السجاد عليه السلام
وَ الذُّنُوبُ الّتى تُنْزِلُ النِّقَمَ عِصْيانُ الْعارِفِ بِالْبَغىِ وَ التَطاوُلُ عَلَى النّاسِ وَ الاِستِهْزاءُ بِهِمْ وَ السُّخْريَّةُ مِنْهُمْ
हज़रत इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
तीन गुनाह ऐसे हैं जो अल्लाह तआला के आज़ाब के नाज़िल होने के सबब बनते है।
जानबूझकर किसी पर ज़ुल्मों सितम करना।
दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन करना।
और दूसरों का मज़ाक उड़ाना।
मानी अलअख़बार,पेंज 270