बुधवार 28 अगस्त 2024 - 15:50
हरम के अतराफ से ज़ियारत करना पढ़ना?

हौज़ा / अरबईन के दिनों में भारी भीड़ के कारण कुछ लोगों के लिए हरम ए इमाम हुसैन अ.स.और बैनुल हरमैन में दाखिल होना बहुत ही मुश्किल का काम है और बाज़ लोगों के लिए ना मुमकिन हो जाता है, और बाज़ औकात दूसरों को तकलीफ पहुंचाने का सबक बनता है, क्या इस सूरत में हराम के अतराफ से ज़ियारत पढ़ना किफायत करता है?

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल : अरबईन के दिनों में भारी भीड़ के कारण कुछ लोगों के लिए हरम ए इमाम हुसैन अ.स.और बैनुल हरमैन में दाखिल होना बहुत ही मुश्किल का काम है और बाज़ लोगों के लिए ना मुमकिन हो जाता है, और बाज़ औकात दूसरों को तकलीफ पहुंचाने का सबक बनता है, क्या इस सूरत में हराम के अतराफ से ज़ियारत पढ़ना किफायत करता है?

जवाब: जो ज़िक्र किया गया है उन दिनों में किफायत करता हैं।

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