हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने " अय्याम ए अज़ा ए हज़रत ज़हरा (स)" के हुक्म को समझाया, जिसे हम पाठकों की सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं।
* अय्याम ए अज़ा ए हज़रत ज़हरा (स)
प्रश्न: अय्यम-ए-फातिमिया (स) के रूप में कौन सा दिन मनाया जाना उपयुक्त है?
उत्तर: यह उचित है कि शहादत के दिनों (13 जमादिल -अव्वल और 3 जमादि उस-सानी) के अलावा, उनसे मिले हुअ कुछ दिनों को भी सिद्दीका कुबरा के लिए शोक दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए।