शुक्रवार 13 दिसंबर 2024 - 08:25
पाखंड और पाखंडीयो की चालाकीयां

हौज़ा / यह आयत हमें पाखंडियों के व्यवहार से सावधान रहना, अल्लाह पर भरोसा रखना और किसी भी साजिश या प्रलोभन के सामने धैर्य और समझदारी दिखाना सिखाती है। यह आयत इस्लामी नेतृत्व को दुश्मनों की साजिशों को नजरअंदाज करने और अपने मिशन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक दिशानिर्देश भी प्रदान करती है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم    बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम

وَيَقُولُونَ طَاعَةٌ فَإِذَا بَرَزُوا مِنْ عِنْدِكَ بَيَّتَ طَائِفَةٌ مِنْهُمْ غَيْرَ الَّذِي تَقُولُ ۖ وَاللَّهُ يَكْتُبُ مَا يُبَيِّتُونَ ۖ فَأَعْرِضْ عَنْهُمْ وَتَوَكَّلْ عَلَى اللَّهِ ۚ وَكَفَىٰ بِاللَّهِ وَكِيلًا   व यक़ूलूना तअतुन फ़इज़ा बरज़ू मिन इंदेका बय्यता ताएफ़तुम मिनहुम ग़ैरल लज़ी तक़ूलो वल्लाहो तकतोबो मा योबय्येतूना फ़अरिज़ अंंहुम व तवक्कल अलल लाहे व कफ़ा बिल्लाहे वकीला (नेसा 81)

अनुवाद: और ये लोग पहले आज्ञाकारिता की बात करते हैं - फिर जब वे तुम्हारे पास से निकलते हैं, तो एक समूह उनके शब्दों के विरुद्ध षडयंत्र रचता है और भगवान उनके शब्दों को लिख रहा है - आप उन पर आपत्ति करते हैं और भगवान पर भरोसा करते हैं और भगवान इस जिम्मेदारी के लिए पर्याप्त है।

विषय:

पाखंडीयो की चालाकीयाँ, अल्लाह की पकड़ और भरोसे का पाठ

पृष्ठभूमि:

यह आयत सूर ए नेसा से है, जिसमें मदीना के पाखंडियों के व्यवहार का वर्णन किया गया है। कपटी लोग ऊपर से तो आज्ञाकारिता दिखाते थे, परन्तु जब पैगम्बर (सल्ल.) की सभा से चले जाते थे, तो गुप्त षड्यन्त्र रचते थे। उनके आचरण का उपयोग इस्लामी समाज में देशद्रोह पैदा करने के लिए किया गया।

तफ़सीर:

1. स्पष्ट आज्ञाकारिता: पाखंडी लोग अपने विश्वास के झूठ को छिपाने के लिए पैगंबर (PBUH) के प्रति अपना विश्वास और आज्ञाकारिता दिखाते थे।

2. छिपी हुई साजिशें: मजलिस छोड़ने के बाद, वे ऐसी योजनाएँ बनाते थे जो अल्लाह के रसूल (PBUH) के शब्दों के विरुद्ध होती थीं।

3. अल्लाह का ज्ञान: अल्लाह उनके सारे कामों और बातों को जानता है और उनकी चालें लिखता है।

4. भरोसा और निर्भरता: अल्लाह ने पैगंबर (PBUH) को आदेश दिया कि वे उनके व्यवहार को नजरअंदाज करें और अल्लाह पर भरोसा रखें क्योंकि अल्लाह हर चीज के लिए पर्याप्त है।

महत्वपूर्ण बिंदु:

पाखंड की भूमिका: पाखंडी हमेशा बाहरी आज्ञाकारिता के माध्यम से इस्लामी समाज को धोखा देने की कोशिश करते हैं।

अल्लाह की ताकत: अल्लाह पाखंडियों की गुप्त साजिशों से पूरी तरह वाकिफ है और उनसे हिसाब लेगा।

भरोसे का महत्व: ईमानवालों को अल्लाह पर भरोसा करना चाहिए क्योंकि वह हर मामले में काफी है।

परिणाम:

यह आयत हमें पाखंडियों के व्यवहार से सावधान रहना, अल्लाह पर भरोसा रखना और किसी भी साजिश या प्रलोभन के सामने धैर्य और समझदारी दिखाना सिखाती है। यह आयत इस्लामी नेतृत्व को दुश्मनों की साजिशों को नजरअंदाज करने और अपने मिशन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक दिशानिर्देश भी प्रदान करती है।

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सूर ए नेसा की तफ़सीर

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