हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने फरमाया,इस बात का हमेशा ख़याल रखना चाहिए कि इन नेमतों को कैसे इस्तेमाल करें?
आपकी शारीरिक नेमत, आँख की नेमत, कान की नेमत, हाथ की नेमत, पांव की नेमत, ये सब अल्लाह की नेमतें हैं, वो नेमतें हैं कि जिनकी क़द्र व क़ीमत का इंसान कोई अंदाज़ा नहीं लगा सकता, ये इस क़द्र क़ीमती हैं कि किसी भी भौतिक मानदंड पर उनको तोला नहीं जा सकता।
अगर इनसे सही फ़ायदा न उठाएं और यूं ही छोड़ दें या ग़लत राह में इस्तेमाल करें और इन नेमतों को अल्लाह की नाफ़रमानी और गुनाह में इस्तेमाल करें तो ये नेमत की नाशुक्री है।
अल्लाह हमें और आपको इन नेमतों से नवाज़ता है (लेकिन) हम इन नेमतों को गुनाह और अल्लाह की नाफ़रमानी में एक सीढ़ी की तरह इस्तेमाल करें! ये अल्लाह की नेमतों की नाशुक्री की सबसे बुरी हालत है।
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