हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार , हौज़ा ए इल्मिया नजफ़ अशरफ़ के धार्मि छात्रो के एक समूह ने अमेरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की ओर से वली ए फ़क़ीह हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनेई के खिलाफ़ दी गई धमकीयो को कड़े शब्दो मे दुसाहस, मुर्खता और मरजेईयत का अपमान बताया है और एक बयान जारी करते हुए कहा है, हर प्रकार का अपमान और दुसाहस हज़रत आयतुल्लाहिल उज़़्मा खामेनेई की ज़ात तक सीमित नही बल्कि पूरी इस्लामी उम्मत के ख़िलाफ़ खुला युद्ध है, और यह इस्लामी संस्कृति के खिलाफ़ गम्भीर विश्वासघात है।
बयान मे कहा गया हैः
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम
وَلَیَنْصُرَنَّ اللَّهُ مَنْ یَنْصُرُهُ إِنَّ اللَّهَ لَقَوِیٌّ عَزِیزٌ वला यंसोरन्नल्लाहो मय यनसोरोहू इन्नाल्लाहा लक़वीयुन अज़ीज़ (सूर ए हज, आयत न 40)
यह बयान उन बेशर्माना दुसाहसी धमकीयो की घोर निंदा के रूप मे जारी किया गया है जो हाल के दिनो ने अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई के खिलाफ़ सामने आई है, जोकि वर्तमान समय मे इस्लामी उम्मत के प्रतिरोध और इज़्ज़त एवं सम्मान की निशानी है।
यह जुनून पर आधारित और अभूतपूर्व इक़दाम, जो अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से सामना आया, वास्तव मे वाइट हाऊस की अख़लाकी पस्ती और राजनीतिक मुर्खता की खुली निशानी है।
यह नापाक और सख़ीफ़ अमल, अमेरीका के इस्तिकबारी प्रणाली के चेहरे से नकाब हटाता है, ऐसी प्रणाली जो मानवीय सिद्दांतो की पाबंद है और ना ही राष्ट्रो की इज़्ज़त व करामत का क़ायल है, बल्कि इस्लामी मुक़द्देसात का अपमान और उम्मत के तशख़्ख़ुस के अपमान पर कमर बांधे हुए है।
शिया मरजेईयत केवल एक राजनीतिक पद नही बल्कि एक ऐसा नूरानी मरकज़ (प्रकाशमीय केंद्र) है जो इस्लामी उम्मत का मार्गदर्शन, ऐकता और जागरूकता की निशानी है, ईरान, इराक़, लबनान, यमन, बहरैन, पाकिस्तान और दूसरे देशो मे शिया मरजेईयत, दीनी शऊर और ऐकेश्वरवाद की सांस्कृती की रूहे रवा है।
इस महान शख्सीयत पर किसी भी प्रकार का दुसाहस, इस्लामी उम्मत के खिलाफ जंग का ऐलान और हमारी इलाही तहज़ीब के खिलाफ खुला विश्वासघात है।
हम अमेरीका और उसके क्षेत्रीय मजदूरो को सूचित करते है कि अगर मरजेईयत के सम्मान पर दुसाहस करने का साहस किया गया तो हम ऐसी आग भड़काएंगे जिसे बुझाना संभव नही होगा।
हम हौज़ा ए इल्मिया नज़फ़ अशरफ़ के छात्र यह घोषणा करते है कि हमारी जाने मरजेईयत पर क़ुरबान है, हम अपने रक्त की अंतिम बूंद तक आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनेई (दामा जिल्लोहुल आली) के साथ खड़े है, हम इस महान नेता के सम्मान की प्रतिरक्षा से एक क्षण भी लापरवाही नही करेंगे।
हम सभी इस्लामी देशो, विद्वानो, दीनी और इसानी अधिकार के संगठनो और दुनियी भर के आज़ाद इंसानो से मांग करते है कि अमेरिका की इस खुली धमकी पर संजीदा और मुत्तहिद मौकिफ़ अपनाए और अमेरिका तथा ज़ायोनी सरकार के इस्तिकबारी अज़ाइम के मुबाकिल खड़े हो जाएं।
अंत मे हम अल्लाह तआला से दुआ करते है कि हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई (दामा ज़िल्लोहू आली) को लम्बी आयु प्रदान करे दीन और मानवता के दुश्मनो को दुनिया व आख़ेरत मे अपमानित और उनका विनाश करे।
आपकी टिप्पणी