हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "वसाइल उश शिया" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الباقر علیه السلام:
مَن سَرَّهُ أن یَقیَهُ اللهُ مِن نَفَحاتِ جَهنَّمَ فَلیُنظِر مُعسِراً أَو لِیَدَعْ لَهُ مِن حَقِّه
इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) ने फ़रमायाः
जो कोई चाहता है कि अल्लाह उसे नर्क की यातना से बचाए, उसे अपने ज़रूरतमंद और कर्ज़दार को अपना कर्ज़ चुकाने का समय देना चाहिए या उसके धन का कुछ हिस्सा माफ़ कर देना चाहिए।
वसाइल उश शिया, भाग 13, पेज 114
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