हौज़ा समाचार एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "वसाइल अल-शिया" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الرضا علیه السلام:
ما زارَني أحَدٌ مِن أوليِائي عارِفا بِحَقّي إلاّ شُفِّعتُ فيهِ يَومَ القِيامَةِ
हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
मेरे दोस्तों में से जो कोई भी मेरी सच्चाई की पहचान (ज्ञान) के साथ मेरी ज़ियारत करता है, वह पुनरुत्थान के दिन मेरी शफ़ाअत से नवाजा जाएगा।
वसाइल अल-शिया, भाग 13, पेज 552