۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा / हज़रत इमाम अली रज़ा (स) ने एक रिवायत में ऐसी ज़ियारत की ओर इशारा किया है, जिसका फल सिफ़ारिश है।

हौज़ा समाचार एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "वसाइल अल-शिया" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الرضا علیه السلام:

ما زارَني أحَدٌ مِن أوليِائي عارِفا بِحَقّي إلاّ شُفِّعتُ فيهِ يَومَ القِيامَةِ

हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:

मेरे दोस्तों में से जो कोई भी मेरी सच्चाई की पहचान (ज्ञान) के साथ मेरी ज़ियारत करता है, वह पुनरुत्थान के दिन मेरी शफ़ाअत से नवाजा जाएगा।

वसाइल अल-शिया, भाग 13, पेज 552

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